उरी की आतंकी घटना पर विरोध जताती लेखनी - Dr. Puneet Dwivedi

उरी की आतंकी घटना पर विरोध जताती लेखनी


सीमा पर बम-आगज़नी, भारत मॉ की बर्बादी है।
सदियों से संकट में क्यूंकर, हम सबकी आजादी है?

मोदी जी कब तक वारों पर वार, मृत्यु का ताण्डव ये?
कौरव कब तब सक्रिय, निष्क्रिय योग्य समर्थी पाण्डव ये?


वारों पर ये वार, कहॉ तक सहने की तैयारी है।
बमों-गोलियों से, नित छलनी होती केसर क्यारी है।

सत्रह वीर जवानों के बलिदानों की, सौगन्ध लिए।
आतंकी प्रति-शांति के समझौतों की, दुर्गन्ध लिए।

आर-पार अब, कर देने की बारी देखो आई है।
जितने हुए शहीद, किसी का बेटा-पितु-पति-भाई है।

हमको है धिक्कार, हमारी शक्ति क्योंकर बंधन में।
पिछलग्गूपन-चाटुकारिता, दुश्मन के अभिनन्दन में।

नहीं सहा जाता अब ये सब, बहुत हुआ ढोंगी ड्रामा।
कायरता का भाव हृदय में, आख़िर क्या हमने ठाना?

अब निर्णय लेने की बारी, भारत का अभिनंदन है।
यह चीत्कार रुदन क्यों सेवक, रक्त-रंगित, दुख क्रंदन है?

पाकिस्तान गले का फंदा, इसको तो निपटाना है।
भारत की सेनाओं का, कुछ तो उपयोग बताना है।

अब कठोर निर्णय लेने की बारी आई , मोदी जी।
तुम पर है विश्वास देश को लाज बचाओ, मोदी जी।

-डॉ.पुनीत द्विवेदी "क्रान्तिकारी" (स्वरचित)
मो० 0930384191607869723847



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